Naam Hai | नाम है
दिल खोल बैठो शाम है
ना हो मुहब्बत आम है
दिल हो मुहब्बत में अगर
पानी भी लगता जाम है
लिखकर मिटाया है बहुत
जो लिख सके बे-नाम है
दिल में दरारें पड़ चुकी
उनमें छुपा एक नाम है
आशिक बहुत पीछे मगर
सच्चा रहा बे-नाम है
दिल खो गया फिर से मिरा
उनका मिला हम नाम है
--- आदित्य देव राय
--- Aditya Deb Roy
ना हो मुहब्बत आम है
दिल हो मुहब्बत में अगर
पानी भी लगता जाम है
लिखकर मिटाया है बहुत
जो लिख सके बे-नाम है
दिल में दरारें पड़ चुकी
उनमें छुपा एक नाम है
आशिक बहुत पीछे मगर
सच्चा रहा बे-नाम है
दिल खो गया फिर से मिरा
उनका मिला हम नाम है
--- आदित्य देव राय
--- Aditya Deb Roy
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