Nadaan Dil | नादान दिल

ऐ दिल तू कितना नादान है 
ज़माने की चोट से क्यूँ बन रहा अनजान है 
ऐ दिल तू कितना नादान है

मुहब्बत की तलाश में निकल तो जाता है 
पर आँख खोल क्र देख तो ले 
की इसकी मार से कितने परेशान है 
ऐ दिल तू कितना नादान है 
ज़माने की चोट से क्यों बन रहा अनजान है 

थोड़ी सी बात क्या हुई पिघल जाता है 
पर एक बार उस से पूछ तो ले 
की उसका दिल क्या चाहता है 
ऐ दिल तू कितना नादान है 
ज़माने की चोट से क्यों बन रहा अनजान है 

                                 --- आदित्य देव राय
                                 --- Aditya Deb Roy

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