कहानी | Khaani

मुहब्बत होने के लिए बस एक पल ही काफ़ी है
इज़हार-ए-इश्क़ के लिए एक लम्हा ही काफ़ी है

हर सुख दुःख को बाटकर चलना ही जिंदगानी है
हर जोड़ी की बुनी हुई यही एक कहानी है

मुश्किलें तो हर कहानी में आती है
बिना मुश्किलों के कहानी कहाँ बन पति है

बहुत कम इन मुश्किलों को पार कर पाते हैं
अपनी ज़िन्दगी की आख़री सांस तक साथ निभाते हैं

कईयों की कहानी तो बिना हर पल साथ निभाए भी पूरी हो जाती है
उनके लिए कुछ पल साथ निभाना ही काफ़ी है

कुछ तो ज़िन्दगी साथ निभाकर भी प्यार नहीं कर पाते हैं
अपनी कहानी को अधूरा छोड़ जाते हैं

साथ निभाने के लिए एक दूसरे को समझना भी ज़रुरी होता है
एक दूसरे की खुसी और ग़म को बाटना भी ज़रुरी होता है

कईयों की कहानी बिना प्यार के भी पूरी हो जाती है
और कईयों के कहानी में प्यार होते हुए भी अधूरी रह जाती  है

                          --- Aditya Deb Roy
                          --- आदित्य देव राय 

Comments

Popular posts from this blog

Naam Hai | नाम है

Love Letter | लव लेटर