सुनाने आज निकले हैं | Sunane Aaj Nikle Hain
सफर करने को हम फिर से अकेले आज निकले हैं
मुहब्बत छोड़ दी हमने, बचाने लाज निकले हैं
मुहब्बत छोड़ दी हमने, बचाने लाज निकले हैं
कई लोगों ने समझाया मुहब्बत छोड़ के मत जा
घुटन सी थी मुझे इसमें, बताने आज निकले हैं
घुटन सी थी मुझे इसमें, बताने आज निकले हैं
लिए थे साथ फेरे पर मुकम्मल हो न पाए हम
मुहब्बत थी उन्हें ऐसी, बचाने लाज निकले हैं
मुहब्बत थी उन्हें ऐसी, बचाने लाज निकले हैं
सफर में बस अभी चलकर शहर के मोड़ क्या आए
नए किरदार में वो फिर मनाने आज निकले हैं
नए किरदार में वो फिर मनाने आज निकले हैं
किया बदनाम सबने फिर दिया इक नाम है सबने
मुहब्बत पाक थी मेरी बताने आज निकले हैं
मुहब्बत पाक थी मेरी बताने आज निकले हैं
© Aditya Deb Roy
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