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A tribute to Munawwar Rana ji | अ ट्रिब्यूट तो मुनव्वर राना जी

इक मुसव्वर औरतों को कैद करता रह गया  इक मुनव्वर हैं,  जिन्होंने जान इनमें फंक दी                  --- आदित्य देव राय                  --- Aditya Deb Roy

Dil Mohobbat Me Hua Barbad Hai | दिल मुहब्बत में हुआ बर्बाद है

मुस्कुराना नाम सुनकर याद है  दिल मुहब्बत में हुआ बर्बाद है  लोग कहते हैं कहा क्यों नइं कभी  कह चुके जो वो कहाँ आबाद है  उनकी तस्वीरों  से अक्सर कहते हम  प्यार इक तरफ़ा सही नाबाद है  उस गली के मोड़ अब रुकता न पर  आज भी उनका गुज़रना याद है  जब कभी भी याद तुम आजाती हो  फिर ग़ज़ल कहता ये बे-आबाद है  नाम शायद याद भी तुमको न हो  पर हुआ 'आदित्य' तो बर्बाद है                    --- आदित्य देव राय                    --- Aditya Deb Roy

Love Letter | लव लेटर

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तुम्हें मैसेज आता ढेर, क्या ख़त कोई लता है  उसी शिद्द्त से पढ़ती हो या कागज़ याद आता है लिखे को चूमती थी हर, लिखा पढ़ने से पहले तुम  इमोजी क्या मुहब्बत में वही एहसास लाता है |                   --- आदित्य देव राय                   --- Aditya Deb Roy 

Dil ki kalam se | दिल की कलम से

आज फिर टकराए हम उनसे उसी बाज़ार आकर  दिल जहाँ हम छोड़ आए थे कभी उनको हँसाकर                     ---- आदित्य देव राय                       

Sunane Aaj Nikile Hain | सुनाने आज निकले हैं | #ghazal | Aditya Deb Roy ...

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Galat Nikle To Kya Gam Hai | ग़लत निकले ग़म है

भले सबके नज़र में हम ग़लत निकले तो क्या ग़म है  ग़लत था कौन रिश्ते में, ख़ुदा जाने या हम जाने                             - आदित्य देव राय                             - Aditya Deb Roy